April 8 Solar Eclipse in India 2024 – आसान भाषा में समझें
8 अप्रैल 2024 को इस वर्ष का सबसे पहला (First Solar Eclipse of 2024) सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है । वर्ष 2024 का सूर्य ग्रहण नॉर्थ अमेरिका, मेक्सिको, यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ अमेरिका एवं कनाडा में देखा जा सकेगा । भारत में 2024 का पहला सूर्य ग्रहण नहीं देखा जा सकेगा ।
क्यों लगता है सूर्य ग्रहण ? April 8 Solar Eclipse in India
जब सूर्य ग्रहण लगता है तब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी तीनों एक ही रेखा में आ जाते हैं । यह ठीक वैसे है जैसे बच्चे स्कूल में एक सीधी पंक्ति में खड़े होते हैं कुछ उसी प्रकार से सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी तीनों एक ही रेखा में आ जाते हैं । अब मान लीजिए तीन बच्चे A, B और C एक लाइन बनाकर यदि खड़े हो जाएं तो A को C नहीं दिखाई देगा और C को A नहीं दिखाई देगा क्योंकि B नाम का बच्चा A और C के बीच में आ गया है ।
ठीक उसी प्रकार से जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है तो पृथ्वी पर रहने वाले लोगों को सूर्य दिखाई नहीं देता है । पर ऐसा सारे लोगों के साथ नहीं होता है । पृथ्वी के कुछ हिस्सों में सूर्य दिखाई देगा और कुछ हिस्सों में सूर्य दिखाई नहीं देगा । एक मिथ्या (Misconception/Myth) यह भी है कि पृथ्वी के जिन हिस्सों में सूर्य नहीं दिखाई देता है उन हिस्सों में दिन के समय में भी रात्रि जैसा अनुभव होता है । हालांकि यह बात सिर्फ एक मिथ्या है यह सत्य नहीं है।
सत्य यह है कि जिस हिस्से में सूर्य नहीं दिखाई देता है उस हिस्से में और बाकी दिनों की अपेक्षा थोड़ा अंधकार जैसा माहौल रहता है। इसे हम यूं भी समझ सकते हैं कि जब घने बादल आसमान में छाए होते हैं तो उस समय जैसा वातावरण आप अपने आसपास देखते हैं लगभग वैसा ही कुछ सूर्य ग्रहण के समय भी देखने को मिलता है ।
हमें कोई वस्तु क्यों दिखाई देती है ?
हम अपने निजी जीवन में बहुत सारी वस्तुओं को देखते हैं जैसे की पेन, कॉपी, बिल्डिंग, सड़क आदि । पर प्रश्न यह उठता है कि यह वस्तु या कोई भी वस्तु हमें क्यों दिखाई देती है। असल में किसी भी वस्तु पर जब प्रकाश पड़ती है तो प्रकाश उस वस्तु से टकराने के बाद अलग-अलग दिशा में भ्रमण करने लगती है और वही प्रकाश जब हमारी आंखों तक पहुंचती है तब जाकर के हमें कोई भी वस्तु दिखाई देती है। विज्ञान की भाषा में इसे रिफ्लेक्शन ऑफ लाइट (Reflection of Light) कहते हैं ।
यहां पर यह भी समझना आवश्यक है कि यदि आप किसी वस्तु को देख रहे होते हैं तो उस वस्तु का सिर्फ अगला हिस्सा ही आपको दिखाई देगा या फिर वह हिस्सा दिखाई देगा जो आपके सामने हो । परंतु उस वस्तु का पिछला हिस्सा हमें कभी दिखाई नहीं देता क्योंकि पिछले हिस्से पर जो प्रकाश की किरणें पड़ रही होती हैं, वो वस्तु से टकराकर हमारे आंखों तक नहीं पहुंच पा रही हैं ।
सूर्य ग्रहण के समय सूर्य काला क्यों दिखता है ?
अभी हमने ऊपर पढ़ा है कि जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीधी रेखा में आ जाते हैं या फिर यूं कहें की जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है तो वैसी स्थिति को हम सूर्य ग्रहण कहते हैं । ऐसा होने पर सूर्य से जो किरणें निकल रही होती हैं वह पृथ्वी पर सीधे तौर पर नहीं पहुंच पाती हैं, क्योंकि वह रास्ते में चंद्रमा से टकरा जाती हैं । और जब सूर्य से निकलने वाली किरणें हमारे नेत्रों तक नहीं पहुंचेंगी तो हमें सूर्य दिखाई नहीं देगा।
इसका मतलब यह हुआ कि सूर्य काला दिखाई देगा क्योंकि सूर्य पर चंद्रमा की परछाई पड़ रही होगी।असल मायने में वह चंद्रमा की परछाई नहीं है, बल्कि जब हम पृथ्वी से खड़े होकर के सूर्य को देख रहे होते हैं तो हमें सूर्य दिखाई नहीं देता क्योंकि बीच में चंद्रमा आ चुका है और उस स्थिति में हमें ऐसा प्रतीत होता है कि सूर्य काला हो चुका है।
8 अप्रैल का सूर्य ग्रहण कहां दिखेगा ?
8 अप्रैल 2024 को जो सूर्य ग्रहण लग रहा है वह भारत में नहीं देखा जा सकेगा इसका असर अमेरिका मेक्सिको और कनाडा जैसे देशों में देखा जा सकेगा ।
Read More –
- Sonam Wangchuk क्यों कर रहे हैं लद्दाख में Pashmina March ? क्यों मचा है बवाल ?
- OnePlus Nord ने लॉन्च किया बारिश में चलने वाला फ़ोन
- Boat ने लिया Apple से पंगा ? क्या है Apple और Boat के बीच का विवाद !