Bihar Reservation News – 65% आरक्षण मामले पर सुप्रीम कोर्ट से बिहार सरकार को कोई राहत नहीं !

Bihar Reservation News – 65% आरक्षण मामले पर सुप्रीम कोर्ट से बिहार सरकार को कोई राहत नहीं !

आज दिनांक 29 जुलाई 2024 को सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार द्वारा लाये गए नए आरक्षण मामले पर सुनवाई हुई . आपको बता दें की बिहार सरकार ने वर्ष 2023 में जातिगत जनगणना करवाई थी. इस जनगणना के आंकड़ों को 2 अक्टूबर 2023 को जारी कर दिया गया था. इस जनगणना के अनुसारबिहार में हिंदू आबादी 81.9% है, वही मुस्लिम आबादी 17.7 प्रतिशत है.

जनगणना के अनुसार ऐसे लोग जिनकी मासिक आय ₹6000 से कम है उनकी आबादी 34.53% है. बिहार में हुए जातिगत जनगणना 2023 के अनुसार बिहार की कुल आबादी में अनुसूचित जाति 19.65 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति 1.68 प्रतिशत, अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01%, पिछड़ा वर्ग27.1.2%, सामान्य वर्ग 15.1 5% है. 

आंकड़े प्रस्तुत होने के बाद बिहार सरकार ने क्या निर्णय लिया? (Bihar reservation news)

आपको बता दें की 2023 में हुए जातिगत जनगणना से यह बात साफ हो गई की बिहार की कुल आबादी में पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति एवं जनजाति आदि की आबादी काफी बढ़ गई है. इन्हीं आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार ने मौजूदा आरक्षण जो की कुल मिलाकर 50% है से बढ़ाकर 65% करने का निर्णय लिया. 

बिहार सरकार के निर्णय के बाद क्या हुआ ?

बिहार सरकार ने जैसे ही आरक्षण को 50% से बढ़ाकर 65% करने का निर्णय लिया तो इस निर्णय को पटना स्थित हाई कोर्ट में चुनौती दे दी गई. पटना हाईकोर्ट ने बढ़े हुए आरक्षण के मामले में सुनवाई करते हुए यह निर्णय दिया था कि 65% आरक्षण मान्य नहीं है साथ ही यह भी टिप्पणी कर डाली थी कि 65% आरक्षण संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ है. अतः पटना हाईकोर्ट ने 65% आरक्षण को पुनः घटाकर 50% करने का आदेश दे दिया और पुरानी स्थिति बहाल कर कर दी.

हाई कोर्ट के निर्णय के खिलाफ बिहार सरकार पहुंची सुप्रीम कोर्ट

पटना हाई कोर्ट ने जब बिहार सरकार के द्वारा 65% आरक्षण नीति को निरस्त कर दिया तो बिहार सरकार पटना हाई कोर्ट के निर्णय को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट जा पहुंची. इस मामले में 29 जुलाई 2024 को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. बिहार सरकार की सुप्रीम कोर्ट वाली याचिका में मूलभूत रूप से दो मांगे थी – 

  1. पहली मांग यह थी कि 65% आरक्षण को लागू किया जाए.
  2. दूसरी मांग यह थी कि जब तक इस मामले में सुप्रीम कोर्ट किसी निर्णय तक नहीं पहुंचती है तब तक पटना हाई कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय पर रोक लगा दी जाए.

सुप्रीम कोर्ट ने क्या निर्णय दिया ? (Bihar reservation news)

बिहार आरक्षण मामले में सुनवाई करते हुए दिनांक 29 जुलाई 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार की याचिका को सुनने के लिए हामी भर दी है. साथ ही इस मामले पर अगली सुनवाई इसी वर्ष सितंबर के माह में होगी. परंतु बिहार सरकार की दूसरी मांग पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्णय दिया है कि जब तक सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर पूर्ण रूप से सुनवाई नहीं कर लेती तब तक पटना हाई कोर्ट के द्वारा दिया गया निर्णय लागू रहेगा. इसका अर्थ यह है कि 65% आरक्षण फिलहाल लागू नहीं होगा और जो पुरानी स्थिति थी जिसमे की 50% आरक्षण का प्रावधान था को बहाल रखा जाएगा. 

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